मध्यप्रदेश: धार के भोजशाला में मंदिर या दरगाह? हाईकोर्ट में ASI ने पेश की सर्वे रिपोर्ट
इंदौर। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित 13वीं शताब्दी के ऐताहासिक भोजशाला परिसर की सर्वे रिपोर्ट को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) ने सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पेश किया। सर्व रिपोर्ट में 1700 से अधिक पुरातात्विक अवशेष सबूत के तौर पर रखे गए। एसआई को पहले यह रिपोर्ट 4 जुलाई को हाई कोर्ट में पेश करनी थी मगर रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाने के चलते उसने 10 दिन का अतिरिक्त समय मांगा था। गौरतलब है कि उत्खनन के दौरान ASI को देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां मिलीं जो साइट को महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व प्रदान करती हैं। धार स्थित भोजशाला में 98 दिन ASI के 6 अधिकारियों के साथ 32 मजदूरों ने काम किया।
हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 11 मार्च 2024 को धार की भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश ASI को दिया था। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 9 घंटे सर्वे काम 98वें दिनों तक चला। हिंदू पक्ष ने यहां श्रीकृष्ण, शिव, जटाधारी भोलेनाथ, ब्रह्मा समेत 37 देवी-देवताओं की मूर्ति होने का दावा किया है।
इससे पहले हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने दावा किया था कि भोजशाला के बाहरी उत्तर पूर्वी कोने कमाल मौलाना दरगाह के पश्चिम से जांच के दौरान 4 अवशेष मिले जिनमें एक भगवान चतुर्भुज नारायण’ की मूर्ति और 3 भोजशाला की दीवारों, खंभों के अवशेष हैं। बताया जाता है कि ASI की टीम ने सभी अवशेषों को संरक्षित किया। गर्भगृह में मिले पुराने अवशेषों की फोटोग्राफी का काम भी हुआ है।
अगली सुनवाई 22 जुलाई को
बता दें कि मुस्लिम पक्ष यहां मस्जिद होने का तो हिंदू पक्ष मंदिर होने का दावा करते आ रहा है। हिंदू संगठनों का दावा है कि धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है जिसे 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था लेकिन बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था। अब रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।