@sanatanyatra. अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा। इसी दिन प्रभु श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा भी होगी। ऐसे में भगवान राम और रामायण से सम्बन्धित बहुत सी जानकारी मिल रही है जो हम नहीं जानते थे। राम मंदिर निर्माण के साथ हमें राम की महिमा को समझने का अवसर मिल रहा है। साथ ही श्रीराम की प्रासंगिकता भी समझ में आ रही है।
इतिहास की किताबों में हमें मुगलों की कई पीढ़ियों के शासकों के बारे में पढ़ाया गया, लेकिन श्री राम के पूर्वजों के बारे में हमें ज्यादा कुछ नहीं पता। आइए आपको बताते हैं भगवान श्रीराम के पिता दशरथ और उनकी 40 पीढ़ियों की वंशावली।
भगवान राम के पिता का नाम दशरथ था।
दशरथ के पिता का नाम अज था।
अज के पिता का नाम नाभाग था
नाभाग के पिता का नाम ययाति था।
ययाति के पिता का नाम नहुष था।
नहुष के पिता का नाम अम्बरीष था।
अम्बरीष के पिता का नाम प्रशुश्रक था।
प्रशुश्रुक के पिता का नाम मरु था।
मरु के पिता का नाम शीघ्रग था।
शीघ्रग के पिता का नाम अग्निवर्ण था।
अग्निवर्ण के पिता का नाम सुदर्शन था।
सुदर्शन के पिता का नाम शंखण था।
शंखण के पिता का नाम प्रवृद्ध था।
प्रवृद्ध के पिता का नाम रघु था।
रघु के पिता का नाम ककुत्स्थ था।
ककुत्स्थ के पिता का नाम भागीरथ था।
भागीरथ के पिता का नाम दिलीप था।
दिलीप के पिता का नाम अंशुमान था।
अंशुमान के पिता का नाम असमंज था।
असमंज के पिता सगर थे।
सगर के पिता का नाम असित था।
असित के पिता का नाम भरत था।
भरत के पिता का नाम ध्रवसन्धि था।
ध्रुवसन्धि के पिता का नाम सुसन्धि था।
सुसन्धि के पिता का नाम मान्धाता था।
मान्धाता के पिता का नाम युवनाश्व था।
युवनाश्व के पिता का नाम धु्न्धुमार था।
धुन्धुमार के पिता का नाम त्रिशंकु था।
त्रिशंकु के पिता का नाम पृथु था।
पृथु के पिता का नाम अनरण्य था।
अनरण्य के पिता का नाम बाण था।
बाण के पिता का नाम विकृक्षि था।
विकुक्षि के पिता का नाम कुक्षि था।
कुक्षि के पिता का नाम इक्ष्वाकु था।
इच्छवाकु के पिता वैवस्वतमनु था।
वैवस्वतमनु के पिता कश्यम थे।
कश्यप के पिता मरीचि थे।
मरीचि के पिता ब्रह्मा थे।
जय श्री राम