#नागस्तोत्र|NagStotra : काल सर्प दोष निवारण के लिए करें नाग स्तोत्र का पाठ
@sanatanyatra #नागस्तोत्र के माध्यम से नाग देवता को उनके सभी नाम के साथ स्तुति कर प्रसन्न कर सकते हैं।श्री नाग स्तोत्र यदि आपकी जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है तो स्तोत्र का पाठ करना बहुत लाभकारी रहता हैं। साथ ही साथ अकाल मृत्यु, भय-कष्ट, निवारण कर सकते हैं।नागस्तोत्र पाठ करने वाला व्यक्ति संसार के जिस भी क्षेत्र में जाता है उसे विजय प्राप्त होति है और उसकी सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
श्री नाग स्तोत्र
अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च ।
सुमन्तुजैमिनिश्चैव पञ्चैते वज्रवारका: ॥१॥
मुने: कल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चापि कीर्तनात् ।
विद्युदग्निभयं नास्ति लिखितं गृहमण्डल ॥२॥
अनन्तो वासुकि: पद्मो महापद्ममश्च तक्षक: ।
कुलीर: कर्कट: शङ्खश्चाष्टौ नागा: प्रकीर्तिता: ॥३॥
यत्राहिशायी भगवान् यत्रास्ते हरिरीश्वर: ।
भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा ॥४॥
॥ इति श्री नाग स्तोत्र सम्पूर्णम् ॥