Tranding
Wednesday, November 13, 2024
Kada Dham, Mother Sheetla, the presiding deity of Purvanchal, Mother Sati's hand had fallen here,

कड़ा धाम: पूर्वांचल की अधिष्ठात्री देवी मां शीतला,यहां गिरा था मां सती का हाथ

@sanatanyatraकड़ा धाम शीतला माँ का मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। 51शक्तिपीठों में से एक माँ शीतला को पूर्वांचल की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है। जोकि उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में सिराथू के पास स्थित है। माँ शीतला देवी को पुत्र देने वाली देवी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि जो भक्त मंदिर के शीतल कुंड को जल, दूध, फल व मेवे से भरवाता है उसे मनोवांछित फल मिलता है । नवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है ।

हर वर्ष लगता हैं विशाल मेला : प्राचीन काल से ही शीतलाधाम कड़ापीठ शक्ति उपासकों का केन्द्र रहा है। माँ शीतलाधाम में हर वर्ष आषाढ़ महीने की सप्तमी-अष्टमी को विशेष मेला लगता है। सात दिवसीय इस मेले में पूर्वांचल के सभी जिलों के अलावा देश के विभिन्न प्रान्तों से श्रद्धालु माँ के दर्शन पूजन के लिए आते हैं। इसके अलावा हर साल यहां लाखों श्रद्धालु माँ के दर्शन के लिये आते हैं ।

युधिष्ठिर ने बनवाया माता शीतला मंदिर : माना जाता है कि पाण्डु पुत्र युधिष्ठिर अपने वनवास समय में कड़ा धाम देवी दर्शन के लिए आए। यहां उन्होंने गंगा के किनारे शीतलादेवी का मंदिर बनवाया और महाकालेश्वर शिवलिंग की स्थापना की। वर्तमान में माँ शीतला देवी का मंदिर भव्य स्वरूप ले चुका है। मंदिर में स्थित शीतला देवी की मूर्ति में माता गर्दभ पर बैठी हुई है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र माह में कृष्णपक्ष के अष्टमी पर यदि देवी शीतला की पूजा की जाए तो बुरी शक्तियों से पीछा छुटाया जा सकता है। यह मंदिर 1000 ई. में बनाया गया था।

यहां गिरा था माँ सती का हाथ

पुराणों के अनुसार भगवान शिव की भार्या सती ने जब अपने पिता दक्ष के अपमान को सहन न कर पाने की स्थिति में यज्ञ कुण्ड में कूदकर प्राण त्याग दिया तो उनके वियोग से आक्रोशित भगवान शिव सती का शव लेकर सभी लोकों में भ्रमण करने लगे। उनके क्रोधित रूप को देखकर तीनों लोकों में हलचल मच गई। देव मनुष्य सभी प्राणी भयभीत हो गए। तब शिव के क्रोध से बचने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के मृत शरीर के 51 टुकड़े कर दिए। सती के शव के ये टुकड़े जहां भी गिरे वहीं एक शक्तिपीठ स्थापित कर दिया गया। कराकोटम जंगल में जिस स्थान पर सती का हाथ गिरा उस स्थान का नाम करा रख दिया गया जो बाद में अपभ्रंश होकर कड़ा हो गया। अब इसे कड़ा धाम के नाम से पूरे देश में जाना जाता है।

कैसे पहुंचे : कड़ा धाम शीतला माँ का मंदिर रेल मार्ग से जुड़ा है। सिराथू यहां का मुख्य रेलवे स्टेशन है, जहां से मंदिर की दूरी 10 किलोमीटर है। इसके अलावा यूपी के कई शहरों से बस से सीधे यहां पहुंच सकते हैं। बस से सैनी पहुंचना होता है, जहां से मंदिर की दूरी 8 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन और सैनी से टैक्सी या ऑटो लेकर वहां पहुंचा जा सकता है। प्रयागराज यहां का नजदीकी हवाई अड्डा है जो देश के कई शहरों से कनेक्ट है । प्रयागराज से यहां की दूरी करीब 70 किलोमीटर है।

कहां रूकें :मंदिर के आसपास रहने के लिये कई लॉज हैं, इसके अलावा सैनी और सिराथू रेलवे स्टेशन के पास कई होटल हैं, जहां आप रूक सकते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारी टीम

संस्थापक-सम्पादक : विशाल गुप्ता
प्रबन्ध सम्पादक : अनुवन्दना माहेश्वरी
सलाहकार सम्पादक : गजेन्द्र त्रिपाठी
ज्वाइंट एडिटर : आलोक शंखधर
RNI Title Code : UPBIL05206

error: Content is protected !!