Tranding
Friday, September 20, 2024

मधुबनी के परसाधाम सूर्य मंदिर में पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी

परसाधाम का सूर्य मंदिर और सूर्य प्रतिमा के दर्शन को दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। पुरातत्वविदों की माने तो यह प्रतिमा दसवीं और ग्यारवीं शताब्दी के मध्य काल की है़ काले पत्थर से निर्मित इस दुर्लभ प्रतिमा की कारीगरी बेहद कुशलता से की गयी है़। झंझारपुर अनुमंडल मुख्यालय से 12 किमी पूरब एनएच-57 से एक किमी दक्षिण में स्थित है परसाधाम मंदिर। जहाँ भगवान सूर्य सात अश्व के रथ पर विराजमान हैं। इस सूर्य मंदिर पर मार्तण्ड महोत्सव भी मनाया जाता है।

मंदिर परिसर में ही तालाब है। जहां पर छठ पूजा मे ब्रतियों के द्वारा सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। लोग आस्था श्रद्धा के साथ छठ पूजा कर भगवान सूर्य की उपासना करते है। छठ पूजा के दिन मंदिर परिसर को आकर्षक रूप से सजाया जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में आकर पूजा अर्चना करने से लोगों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। कई सूनी गोद भगवान सूर्य की पूजा अर्चना से पुत्र रत्न की प्राप्ति से भरी है। परसा धाम सूर्य मंदिर में साल में एक बार राज्य स्तरीय महोत्सव का भी आयोजन होता है।
प्रतिमा और मंदिर का इतिहास
11 फरवरी 1983 को शिवरात्रि के दिन भगवान भास्कर की प्रतिमा मिट्टी के अंदर से निकली थी। लोगों का कहना है कि परसा के एक किसान को 1980 ई़ में खुदाई के दौरान यह अद्भूत मूर्ति निकली थी। ग्रामीणों को सूचित किया।लोगों की भीड़ जुट गई और आस पड़ोस के गांव के लोग वहां पहुंचने लगे और भगवान भास्कर की पूजा शुरू हो गई।
प्रतिमा की विशेषता

भगवान भास्कर की प्रतिमा अत्यन्त सुन्दर है। सात अश्व के रथ पर भगवान भास्कर विराजमान हैं। रथ पर सारथी के रूप में भगवान अरूण हैं। सूर्यदेव के रथ के नीचे एक रथ पर गणेश की मूर्ति अंकित है। लगभग चार फीट के काला शीला खण्ड पर बसाल्ट पत्थर से निर्मित भगवान सूर्यदेव के माथे पर टोपीनुमा मुकुट, पांव में कुशानकालीन जूता विराजमान है। भगवान के दोनों हाथ में ‘सनाल कमल’ तथा शरीर पर यज्ञोपवीत है। कमर में लटकती तलवार और पांव में जूता इरानी कला से ओतप्रोत लगता है तथा यह प्रतिमा इशापूर्व शताब्दी की लगती है। प्रतिमा के एक तरफ वरूण देव तथा उनकी पत्नी तथा दूसरे तरफ कुवेर एवं उनकी पत्नी की प्रतिमा अंकित है। प्रतिमा में काला सर्प को हंस अपने मुंह में पकड़े है तथा घोड़ा पर सवार घुड़सवार हाथी को अपने वश में किए हुए है जो मनमोहक दिखता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारी टीम

संस्थापक-सम्पादक : विशाल गुप्ता
प्रबन्ध सम्पादक : अनुवन्दना माहेश्वरी
सलाहकार सम्पादक : गजेन्द्र त्रिपाठी
ज्वाइंट एडिटर : आलोक शंखधर
RNI Title Code : UPBIL05206

error: Content is protected !!