भगवान गणेश को पसंद दूब घास,आपके पेट की गर्मी को भी कर देगी शांत
भगवान श्री गणेश को दूर्वा बहुत प्रिय है। दूर्वा को दूब भी कहा जाता हैै। दरअसल, ये एक प्रकार की घास होती है। जो सिर्फ गणेश पूजन में ही उपयोग में लाई जाती है। आखिर श्री गणेश को क्यों हैं, दूर्वा इतनी प्रिय आइए जानते हैं इसके लाभ और एक ऐसी कथा के बारे में भी जानेंगे जो गणेशजी से जुड़ी है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीनकाल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था, उसके कोप से स्वर्ग और धरती पर त्राहि-त्राहि मची हुई थी। अनलासुर एक ऐसा दैत्य था, जो ऋषियों-मुनियों और साधारण मनुष्यों को जिंदा निगल जाता था। इस दैत्य के अत्याचारों से त्रस्त होकर इंद्र सहित सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनि भगवान महादेव से प्रार्थना करने जा पहुंचे और सभी ने महादेव से यह प्रार्थना की कि वे अनलासुर के आतंक का खात्मा करें।
तब महादेव ने समस्त देवी-देवताओं तथा मुनि-ऋषियों की प्रार्थना सुनकर उनसे कहा कि दैत्य अनलासुर का नाश केवल श्री गणेश ही कर सकते हैं। फिर सबकी प्रार्थना पर श्री गणेश ने अनलासुर को निगल लिया और तब उनके पेट में बहुत जलन होने लगी।
इस परेशानी से निपटने के लिए कई प्रकार के उपाय करने के बाद भी जब गणेशजी के पेट की जलन शांत नहीं हुई तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठें बनाकर श्री गणेश को खाने को दीं। यह दूर्वा श्री गणेशजी ने ग्रहण की, तब कहीं जाकर उनके पेट की जलन शांत हुई। ऐसा माना जाता है कि श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा तभी से आरंभ हुई।