Diwali Chhath Puja Muhurt: धनतेरस, दिवाली, भाई दूज और छठ पूजा कब है, क्या है शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली@Sanatanyatra. शारदीय नवरात्र से ही भारत में त्योहारों और उत्सवों का मौसम शुरू हो जाता है। नवरात्र के बाद दशहरा, करवाचौथ और फिर सबका मनभावन पर्व दीपावली। धनतेरस से शुरू होकर गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक दिवाली की धूम रहती है। इसके बाद छठ पूजा का पर्व आता है। इन्हीं त्योहारों के चलते बाजारों में भी रोनक देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं कि धनतेरस (Dhanteras), दिवाली (Diwali), गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja), भाई दूज (Bhai Dooj) और छठ (Chhath Puja) कब है? और इनको मनाने का शुभ मुहूर्त क्या है?
धनतेरस (Dhanteras 2024)
दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है. धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस साल धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन खरीदारी के लिए विशेष मुहूर्त की बात करें तो सुबह 10.31 से लेकर 30 अक्तूबर को दोपहर 01.15 तक आप वाहन खरीद सकते हैं।
चर (सामान्य) – सुबह 09:17 – सुबह 10.42
लाभ (उन्नति) – सुबह 10.42 – दोपहर 12.06
अमृत (सर्वोत्तम) – दोपहर 12.05 – दोपहर 01.28
लाभ (उन्नति) – रात 7.15 – रात 08.51
सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर सोना-चांदी व अन्य सामानों की खरीदारी के लिए तीन मुहूर्त बन रहे हैं।
पहला शुभ मुहूर्त- 29 अक्तूबर को सुबह 10:32 मिनट से 30 अक्तूबर 6:31 मिनट तक।
दूसरा शुभ मुहूर्त- 29 अक्तूबर शाम 06:32 बजे से रात 08:14 तक।
तीसरा खरीदारी का मुहूर्त- 29 अक्तूबर शाम 5:39 बजे से 6:56 तक रहेगा।
धनतेरस 2024 मां लक्ष्मी और कुबेर भगवान का शुभ मुहूर्त
तेरस पूजा मुहूर्त: सायं 06: 31 से रात्रि 08:14 तक
प्रदोष काल: सायं 05:39 से रात्रि 08:14 मिनट तक
वृषभ काल: सायं 06: 31 से रात्रि 09: 28 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04: 47 से प्रातः 05:41 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 01: 57 से 02: 41 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: सायं 05:38 से 06: 04 मिनट तक
दिवाली (Diwali 2024)
दिवाली के दिन सभी लोग अपने घरों में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाती है। दीपावली कब मनाएं 31 अक्तूबर या 01 नवंबर?
शास्त्रों के अनुसार आचार्य राजेश कुमार शर्मा का कहना है दीपावली हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है लेकिन इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर और 01 नवम्बर दोनों ही दिन पड़ने के कारण संशय की स्थिति बनी हुई है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो जाएगी, जो 01 नवंबर की शाम 06 बजकर 18 मिनट तक (बरेली मंडल) रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा तिथि की शुरूआत होगी। वैदिक पंचांग के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या तिथि के रहने पर और प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद से लेकर देर रात तक करने का विधान होता है। स्कंदपुराण के द्वितीय भाग वैष्णवखंड के कार्तिकमहात्म्य के 10वें अध्याय “दीपावली कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा महात्म्य” नामक अध्याय के श्लोक क्रमांक 11 में भगवान श्री ब्रह्माजी ने स्पष्ट कह दिया…
“माङ्गल्यंतद्दिनेचेत्स्याद्वित्तादितस्यनश्यति।
बलेश्चप्रतिपद्दर्शाद्यदिविद्धं भविष्यति॥“
अर्थात् –
अमावस्या विद्ध बलि प्रतिपदा तिथि में मोहवशात् माङ्गल्य कार्य हेतु अनुष्ठान करने से सारा धन नष्ट हो जाता है।“
इस तरह से 31 अक्तूबर को अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और निशिताकाल के मुहूर्त में दीपावली मनाना शुभ होगा।
इसको लेकर अखिल भारतीय विदुत परिषद जयपुर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने भी 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाने की सलाह दी है।यद्यपि कुछ पंचांग और ज्योतिषकार 01 नवंबर को दीपावली मनाने की सलाह दे रहे हैं। परंतु क्षेत्रकाल रीति मानते हुए 31 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाना श्रेयस्कर रहेगा।
दीपावली पूजन शुभ मूहूर्त–
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त- 31 अक्तूबर को सायं 6 बजकर 27 मिनट से रात लेकर 8 बजकर 32 बजे तक।
दीपावली पूजन का निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात तक 12 बजकर 31 मिनट तक।
प्रदोष काल- सायं 05ः36 से 08ः12 रात्रि तक
वृषभ काल- सायं 06ः22से 08ः19 रात्रि तक
गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024)
गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन की जाती है, लेकिन इस साल यह पूजा 02 नवंबर को की जाएगी. गोवर्धन पूजा के दिन कृष्ण भगवान की गोबर की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 06:28 से सुबह 08:43 बजे तक है.
भाई दूज (Bhai Dooj 2024)
साल 2024 में भाई दूज का पर्व 3 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा। यह दिन भाई-बहनों के रिश्ते को और भी मजबूत बनाने का अवसर होता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। भाई दूज के तिलक का विशेष मुहूर्त होता है, जिसे शुभ समय में किया जाता है। साल 2024 में भाई दूज का तिलक करने का शुभ समय निम्नलिखित है:
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तिलक का समय: दोपहर 01:18 बजे से 03:32 बजे तक
अवधि: 2 घंटे 15 मिनट
द्वितीया तिथि प्रारंभ: 2 नवंबर 2024 को रात 08:21 बजे
द्वितीया तिथि समाप्त: 3 नवंबर 2024 को रात 10:05 बजे
छठ पूजा (Chhath Puja 2024)
छठ पूजा का शुभारंभ 5 नवंबर 2024, मंगलवार से होगा, जो चतुर्थी तिथि है। यह चार दिनों तक चलेगा और इसका समापन 8 नवंबर 2024, शुक्रवार को सप्तमी तिथि पर होगा। हर दिन की अलग-अलग धार्मिक विधियाँ होती हैं, जो व्रतियों द्वारा श्रद्धा और आस्था से पूरी की जाती हैं।
5 नवंबर 2024, मंगलवार, पहला दिन: नहाय खाय, सुबह 06:34 बजे से शाम 05:46 बजे तक।
6 नवंबर 2024, बुधवार, दूसरा दिन: लोहंडा और खरना, सुबह 06:35 बजे से शाम 05:46 बजे तक।
7 नवंबर 2024, गुरुवार, तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य, सुबह 06:36 बजे से शाम 05:45 बजे तक।
8 नवंबर 2024, शुक्रवार, चौथा दिन: उषा अर्घ्य और पारण, सुबह 06:36 बजे से शाम 05:45 बजे तक।