इटरा के हनुमान जी: हर साल बढ़ती है इस मंदिर में विराजमान मूर्ति
इटरा के हनुमान जी का मंदिर नेशनल हाईवे कानपुर से सागर मार्ग में ब्लाक- सुमेरपुर तहसील-हमीरपुर ग्राम चन्द्रपुरवा में इटरा नाम का धार्मिक स्थान है, जहां श्रीराम भक्त हनुमान जी का बड़ा ही भव्य मंदिर बना है। इस मंदिर की मूर्ति बड़ी ही चमत्कारी है। इस मंदिर में विराजमान हनुमान जी मूर्ति हल चलाते समय खेत में मिली थी जो पिछले कई दशकों से चावल की तरह हर साल बढ़ रही है।
इस मंदिर का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है जो कालान्तर मे मिट्टी के ढेर मे बदल गया था जिसका जीर्णोधार 1965 मे कराया गया। यहां प्रतिवर्ष कार्ति क मास की पूर्णिमा के उपरान्त प्रथम मंगलवार को विशाल मेले का आयोजन होता है। यहां मेले में हर साल लाखों लोगों की भीड़ जुटती है।ये यहां का सबसे बड़ा मेला है,जहां आस पास के जिलों के महोबा,मौदहा, कबरई, बांदा , उरई, जालौन,कानपुर,घाटमपुर से भक्त पहुंचते है।यह मेला बुन्देलखंड और पड़ोसी मध्यप्रदेश के इलाकों में भी प्रसिद्ध है। इसीलिए हर साल मेले में लाखों लोगों की भीड़ एकत्र होती है आज मेले का प्रथम दिन है।
खेत में हल चलाते दौरान निकली थी बजरंगबली की मूर्ति
मंदिर के पुजारी ने बताया कि इटरा के दो किसानों ने खेतों की जोताई कराने के लिए हल चलाया तो उसी समय बजरंगबली की छोटी सी मूर्ति हल की कुसिया से टकरा गई थी। गांव के लोगों ने मजदूरों की मदद से खेत में तीस फिट तक गहराई में खुदाई कराई लेकिन आज तक बजरंगबली की मूर्ति का अंतिम सिरा नहीं मिल सका। तमाम बुजुर्ग लोगों ने बताया कि गांव के लोग डर के मारे मूर्ति छोड़कर अपने घर चले गए थे।
सपने में हनुमान जी को देख किसानों ने मूर्ति की कराई प्राण प्रतिष्ठा
साहित्यकार डाॅ.भवानीदीन व समाजसेवी कमलेश सविता ने बताया कि रात में सपने में हनुमान जी को देख किसान रामगोपाल घबरा गया और अगले ही दिन इटरा में खेत पर एक चबूतरा बनवाकर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवा दी गई। चन्दपुरवा और आसपास के तमाम गांवों के लोग पूजा अर्चना करने लगे। मंदिर के मंहत ने बताया कि इस स्थान पर भव्य मंदिर बन चुका है।
हर साल बढ़ती है इस मंदिर में विराजमान मूर्ति
इस मंदिर में विराजमान हनुमान जी मूर्ति पिछले कई दशकों से चावल के आकार के बराबर हर साल बढ़ती है।