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Thursday, November 14, 2024
#BhaiDooj2024: भाई दूज 2024 कब है? जानें तिलक का समय और तिथि
News , सनातन पर्व / November 1, 2024

BhaiDooj2024: भाई दूज 2024 कब है? जानें तिलक का समय और तिथि

#BhaiDooj2024: क्या आप जानते हैं कि भाई दूज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक है? यह पर्व दिवाली के दो दिन बाद आता है, जब बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और भाई बदले में अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। साल 2024 में, भाई दूज का पर्व रविवार, 3 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन का विशेष महत्व है और इसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। #SanatanYatra

भाई दूज 2024 कब है? (Bhai Dooj 2024 Kab Hai?)

साल 2024 में भाई दूज का पर्व 3 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा। यह दिन भाई-बहनों के रिश्ते को और भी मजबूत बनाने का अवसर होता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं।

भाई दूज मुहूर्त 2024 (Bhai Dooj Muhurat 2024)

भाई दूज के तिलक का विशेष मुहूर्त होता है, जिसे शुभ समय में किया जाता है। साल 2024 में भाई दूज का तिलक करने का शुभ समय निम्नलिखित है:

तिलक का समय: दोपहर 01:18 बजे से 03:32 बजे तक
अवधि: 2 घंटे 15 मिनट
द्वितीया तिथि प्रारंभ: 2 नवंबर 2024 को रात 08:21 बजे
द्वितीया तिथि समाप्त: 3 नवंबर 2024 को रात 10:05 बजे

भाई दूज का महत्व (Bhai Dooj Mahatva)

भाई दूज का पर्व केवल भाई-बहन के रिश्ते तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई दूज का संबंध यमराज और यमुनाजी की कथा से भी जुड़ा है। कहा जाता है कि यमराज अपनी बहन यमुनाजी के निमंत्रण पर उनके घर आए थे, और उन्होंने यमुनाजी से प्रसन्न होकर उन्हें यह वरदान दिया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर भोजन करेगा और तिलक करवाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं होगा।

भाई दूज के इस पर्व को अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि महाराष्ट्र और गुजरात में इसे “भाऊबीज” कहा जाता है, वहीं नेपाल में इसे “भाई टीका” कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उसकी आरती उतारती हैं, जिससे भाई की जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

कैसे करें भाई दूज पर तिलक? (Kaise Karein Bhai Dooj Par Tilak?)

भाई दूज पर तिलक का विशेष महत्व होता है। इसे विधि-विधान से करना चाहिए। यहां जानिए भाई दूज पर तिलक करने की विधि:-

पूजा की तैयारी: सबसे पहले, पूजा की थाली तैयार करें। इसमें रोली, अक्षत (चावल), दीपक, मिठाई, और नारियल रखें।
तिलक करें: भाई को आसन पर बैठाएं और रोली का तिलक उनके माथे पर लगाएं। इसके बाद अक्षत लगाएं।
आरती करें: तिलक के बाद भाई की आरती उतारें। इससे भाई की सुरक्षा और दीर्घायु की कामना की जाती है।
मिठाई खिलाएं: तिलक और आरती के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उनका आशीर्वाद लें।
भाई का आशीर्वाद: पूजा पूरी होने के बाद भाई अपनी बहन को उपहार देता है और बहन की सुरक्षा का वचन देता है। भोजन: भाई दूज के दिन बहन अपने भाई के लिए विशेष भोजन तैयार करती है। भाई इस भोजन को ग्रहण करता है और अपनी बहन के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है।

भाई दूज की कहानी (Bhai Dooj Story)

भाई दूज की एक प्रसिद्ध कहानी यमराज और यमुनाजी की है। प्राचीन काल में यमराज और यमुनाजी भाई-बहन थे। यमुनाजी अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाने के लिए बार-बार निमंत्रण देती थीं, लेकिन यमराज अपने कार्यों में व्यस्त रहते थे और बहन के घर नहीं जा पाते थे। अंततः एक दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर पहुंचे। यमुनाजी ने बड़े प्रेम से अपने भाई का स्वागत किया, उन्हें तिलक लगाया और भोजन कराया। यमराज ने प्रसन्न होकर यमुनाजी को यह वरदान दिया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर तिलक कराएगा, उसकी मृत्यु का भय नहीं होगा।

तभी से भाई दूज का पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है और इसे पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

भाई दूज 2024 के अनुष्ठान (Bhai Dooj 2024 Rituals)

भाई दूज के दिन कुछ विशेष अनुष्ठान होते हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है। इन अनुष्ठानों को विधिपूर्वक करने से भाई-बहन के रिश्ते में और भी मजबूती आती है।

भाई दूज का आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व (Bhai Dooj Meaning in Hindi)

भाई दूज केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व भी है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है और समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देता है। भाई दूज का संदेश है कि हम सभी को अपने रिश्तों को संजोना चाहिए और एक-दूसरे की रक्षा और सम्मान करना चाहिए।

इस दिन का संदेश है कि भाई-बहन के रिश्ते में न केवल खून का रिश्ता होता है, बल्कि यह आत्मीयता और विश्वास का प्रतीक होता है। भाई दूज हमें यह सिखाता है कि रिश्तों में विश्वास, प्रेम और आदर होना जरूरी है।

भाई दूज पर क्या करें और क्या न करें (Bhai Dooj Tips)
भाई दूज के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि यह पर्व और भी शुभ और फलदायक हो।

तिलक शुभ मुहूर्त में ही करें: तिलक का शुभ समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस वर्ष तिलक का समय दोपहर 01:18 बजे से 03:32 बजे तक है। इस मुहूर्त में ही तिलक करना शुभ माना जाता है।

सात्विक भोजन का सेवन करें: भाई दूज के दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करें। मांसाहार और शराब से दूर रहें।

भाई के लिए उपहार तैयार रखें: बहनें अपने भाई के लिए उपहार तैयार रखें और तिलक के बाद उन्हें यह उपहार दें। इससे भाई-बहन का रिश्ता और मजबूत होता है।

पारिवारिक समागम: इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाएं। इससे परिवार में एकता और प्रेम की भावना बढ़ती है।

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