Tranding
Thursday, November 21, 2024
RamNavmi 2023, राम नवमी कल,“कर्क“ लग्न में करें जन्मोत्सव, ’सिंह’ लग्न में खाता-बसना पूजन,
सनातन पर्व / March 29, 2023

#RamNavmi2023 : राम नवमी कल,“कर्क“ लग्न में करें जन्मोत्सव, ’सिंह’ लग्न में खाता-बसना पूजन

RamNavmi 2023: रामनवमी 2023. सनातन धर्म में चैत्र माह की शुक्लपक्ष की नवमी को भगवान श्रीराम का अवतरण हुआ था। इसलिए श्रीराम के जन्मोत्सव को श्रीराम नवमी के रूप में मनाते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म चैत्र माह के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में सूर्यवंश में हुआ था। नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र मिलने पर ही यह पर्व होता है, पुनर्वसु नक्षत्र के न मिलने पर यदि दोपहर में नवमीं मिले तो यह पर्व मनाया जाता है।

बालाजी ज्योतिष अनुसंधान संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा के अनुसार इस वर्ष श्री रामनवमी 30 मार्च 2023, गुरुवार को मनायी जाएगी। इस दिन सूर्योदय काल से नवमी तिथि प्रारम्भ होगी जोकि रात्रि 11ः31 बज़े तक रहेगी। इस दिन मध्यान्ह काल में कर्क लग्न मध्यान्ह 12ः29 बज़े से अपराह्न 2ः47 बज़े के बीच रहेगी एवं पूनर्वसु नक्षत्र सूर्योदय से रात्रि 11ः59 बज़े तक रहेगी। सूर्योदय से रात्रि तक अतिगण्ड योग रहेगा। चन्द्रमा सूर्योदय से अपराह्न 4ः15 बज़े तक मिथुन राशि में तत्पश्चात कर्क राशि में प्रवेश करेगा। कर्क लग्न में राम जन्मोत्सव मनाया जाता है।

स्थिर लग्न में करें खाता पूजन :-

इस दिन सिंह लग्न अपराह्न 2ः47 बज़े से सांय 5ः01 बज़े तक रहेगी। इस लग्न के अनुसार लग्नेश सूर्य अष्टम भाव में,’द्वितीयेश व एकाददेश बुध एवं’पंचमेश, अष्टमेश गुरु नवम भाव में एवं तृतीऐश, दशमेश शुक्र एवं राहू नवम भाव में हैं। सप्तम व षठ भाव का स्वामी’शनि सप्तम भाव में होने के कारण शुभ है। राहू नवम भाव में होने के कारण’ शुभफलकारक हों जाता है। केतु, गुरु,सूर्य का दानोपाय करके पूजन करना चाहिए। इस लग्न में अपराह्न 2ः47 बज़े से 3ः07 बज़े तक लाभ, अमृत का चौघड़िया शुभकारक है।

चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार चर, लाभ, एवं अमृत का चौघड़िया प्रातः 10ः31 बज़े से अपराह्न 3ः45 बज़े तक रहेगी। यह संयोग शुभ है। इसमें पूजन करना उत्तम रहेगा।

पूजन विधि-विधानः-

राम नवमी के दिन व्रती को स्नानादि करके संकल्प करना चाहिए। भगवान राम,माता सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों का पूजन षोडशोपचार से करना चाहिए।पूजा में रोली,कुंकुम, चावल,फूल,घंटी,शंख आदि का प्रयोग कर जल अर्पित करें। इसके बाद मुट्ठी भर चावल चढ़ाएं। आरती करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारी टीम

संस्थापक-सम्पादक : विशाल गुप्ता
प्रबन्ध सम्पादक : अनुवन्दना माहेश्वरी
सलाहकार सम्पादक : गजेन्द्र त्रिपाठी
ज्वाइंट एडिटर : आलोक शंखधर
RNI Title Code : UPBIL05206

error: Content is protected !!