खण्डग्रास आंशिक चन्द्रग्रहण 18 सितम्बर 2024
भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, दिनांक 18 सितम्बर 2024, बुधवार को यह ग्रहण अण्टार्कटिका के कुछ भाग, पश्चिमी हिन्द महासागर, मध्य-पूर्व अफ्रीका, यूरोप, अटलाण्टिक महासागर, अमेरिका (अलास्का के अधिकांश पश्चिम भाग को छोड़कर), पूर्वी पॉलीनेशिया में दिखाई देगा।
क्रॉजेट आईलैण्ड, मेडागास्कर, सोमालिया, सऊदी अरेबिया के अधिकांश भाग, ईराक, ईरान एवं रशिया (रूस) के कुछ भागों में ग्रहण का उपच्छाया प्रवेश चन्द्रास्त के समय दिखेगा। उत्तर-दक्षिणी प्रशान्त महासागर एवं कनाड़ा में उपच्छाया का अन्त चन्द्रोदय के समय दिखाई देगा।
ग्रहण की परिस्थितियाँ (भारतीय मानक समय): उपच्छाया प्रवेश :- प्रातः 06:09, ग्रहण प्रारम्भ (स्पर्श): प्रातः 07:42, ग्रहण मध्य : प्रातः 08:14, ग्रहण समाप्त (मोक्ष) :- प्रातः 08:47, उपच्छाया अन्त: प्रातः 10:19, ग्रहण ग्रासमान (परिमाण) :- 0.090, ग्रहण की अवधि: 01 घण्टा 05 मिनट
नोट — यह खण्डग्रास (आंशिक) चन्द्रग्रहण जब प्रारम्भ होगा, तब तक सम्पूर्ण भारत में चन्द्रास्त हो चुका होगा। अतः भारत में यह ग्रहण अदृश्य रहेगा। जब खण्ड चन्द्रग्रहण का मालिन्य (उपच्छाया) प्रारम्भ होगी, उसके बाद भारत के उत्तर-पश्चिमी तथा उत्तर-दक्षिणी अनेक शहरों में चन्द्रास्त होगा। उस समय चन्द्रमा की चाँदनी केवल कुछ धुंधलापन आएगा। शास्त्रों के अनुसार इस चन्द्रबिम्ब पर मालिन्य मात्र छाया आने के कारण इन्हें ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा गया है।
अतः धर्मनिष्ठ एवं श्रद्धालुजनों को इसे ग्रहण की श्रेणी में न मानते हुए एवं ग्रहण-संबंधी पथ्य-अपथ्य का विचार न करते हुए केवल पूर्णिमा संबंधी ही व्रत-दानादि का अनुष्ठान करना चाहिए। अतः सोशल मीड़िया व अन्य भ्रामक प्रचार में न पड़ते हुए इस खगोलीय घटना को ग्रहण की मान्यता प्रदान न करें।