#सावन_सोमवार_व्रत की पूजा कैसे करें ?
#सावन_सोमवार_व्रत की पूजा नियमित रूप से करने पर भगवान शिव तथा माँ पार्वती की कृपा, अनुकम्पा बनी रहती है तथा सभी अनिष्टों, अकाल मृत्यु व बाधाओ से न ही सिर्फ मुक्ति मिलती है बल्कि अपने भक्तो पर आने वाले किसी भी कष्ट को स्वयं महाकाल शिव हर लेते है तथा जीवन – कुटुंब धन-धान्य, समस्त सुख – समृद्धि, ऐश्वर्य से परिपूर्ण रहता है।
कैसे करे सावन व्रत व पूजा –
- सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान से निवृत्त हो जाएं।
- पूरे घर में गंगा जल या पवित्र जल छिड़कें।
- घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- अगर आपके घर में शिवलिंग स्थापित है तो अभिषेक से पूजा शुरू करनी चाहिए।
- अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीत्रा, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, जवाफूल कनेर, राई के फूल आदि से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
- भगवान शिव का ध्यान करें।
- ध्यान के बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र जाप से शिव की पूजा करें और ‘ॐ शिवाय नमः’ से मातापार्वती की पूजा करें। पूजा के बाद व्रत कथा सुनें। इसके बाद आरती करें और प्रसाद बांटें।
सावन सोमवार व्रत पूजा सामग्री:
सावन के सोमवार का व्रत करते समय जल, दुध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृ्त, मोली, वस्त्र, जनेऊ, चन्दन, रोली, चावल, फूल, बेल-पत्र, भांग, आक-धतूरा, कमल, गट्ठा, प्रसाद, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मेवा, दक्षिणा भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। इस दिन धूप-दीपक जलाकर कपूर से महादेव की आरती उतारें और शिव जी के मंत्रो का जाप करें साथ ही व्रत कथा का रशपान करें।
निम्न मंत्र से संकल्प लें-
‘मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये’
शिव का ध्यान मंत्र –
‘ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं
रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं
विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्॥
ध्यान के पश्चात पूजा के मंत्र –
‘ऊँ नमः शिवाय’ से शिवजी का तथा ‘ऊँ नमः शिवायै’ से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें। पूजन के पश्चात व्रत कथा अवश्य सुनें। तत्पश्चात सपरिवार आरती कर प्रसाद वितरण करें। इसकें बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।