श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने वाले आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का निधन
@sanatanyatra : काशी के प्रमुख विद्वान, श्री राम जन्मभूमि के प्रमुख पुरोहित और वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का शनिवार सुबह हृदय गति रुकने से निधन हो गया। 82 वर्षीय आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का अंतिम संस्कार महाशमशान मणिकर्णिका घाट पर किया गया।मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र जयकृष्ण दीक्षित ने दी।
पंडित दीक्षित बनारस के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे और उन्हें यजुर्वेद का बड़ा विद्वान माना जाता था। वे वेद और अनुष्ठानों के महान ज्ञाता थे।
लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे। उनके पूर्वज पंडित गागा भट्ट ने छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था।उन्होंने संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया और अपनी विद्वत्ता से हमें बहुमूल्य धरोहर प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी ने अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं-उन्होनें अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि ” देश के मूर्धन्य विद्वान और साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। दीक्षित जी काशी की विद्वत् परंपरा के यशपुरुष थे। काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।”