Tranding
Friday, September 20, 2024
#ChaitraNavratri2024 | सुनें देवी ब्रह्मचारिणी स्तोत्र| #Navratri2024 ,#ChaitraNavratri ,#ChaitraNavratriDay2 ,#MaaBrahmacharini ,#ChaitraNavratri2024 ,#देवी #ब्रह्मचारिणी ,#नवरात्रि , #नवरात्रि_द्वितीय_दिवस,#माँ_ब्रह्मचारिणी,
सनातन पर्व / April 10, 2024

ChaitraNavratri2024 : मां ब्रह्मचारिणी तप की शक्ति का प्रतीक ,सुनें देवी ब्रह्मचारिणी स्तोत्र|

चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप का पूजन करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं। तप की शक्ति का प्रतीक हैं मां ब्रह्मचारिणी

मां ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती है कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योगशास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान चक्र में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।

मां ब्रह्मचारिणी का भोग

नवरात्र की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं । इससे उम्र लंबी होती है ।

सुनें देवी ब्रह्मचारिणी स्तोत्र|

दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारी टीम

संस्थापक-सम्पादक : विशाल गुप्ता
प्रबन्ध सम्पादक : अनुवन्दना माहेश्वरी
सलाहकार सम्पादक : गजेन्द्र त्रिपाठी
ज्वाइंट एडिटर : आलोक शंखधर
RNI Title Code : UPBIL05206

error: Content is protected !!