Tranding
Saturday, November 23, 2024
#GarudaPurana, #गरुड़_पुराण, दुर्भाग्य के ये 5 संकेत, Garuda Purana Significance,

#GarudaPurana: गरुड़ पुराण में बताये हैं दुर्भाग्य के ये 5 संकेत, जरूर जानें

Garuda Purana Significance: सनातन हिन्दू धर्म में गरुण पुराण एक महत्वपूर्ण पुराण माना जाता है। सामान्यता इसका पाठ किसी की मृत्यु के उपरान्त किया जाता है। गरुड़ पुराण में धर्म, अध्यात्म के साथ ही प्राणियों के कर्म और उनके कर्मफल के विषय में विस्तार बताया गया है। इसमें प्राणियों के जीवन के मार्ग और और दार्शनिक ज्ञान का रहस्य छिपा है।

मृत्यु के बाद पढ़ा जाता है गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु के बाद किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गरुड़ पुराण के पाठ से आत्मा को इस संसार से मुक्ति मिलती है और वह निर्धारित स्थान की ओर प्रस्थान करती है। वैष्णव सम्प्रदाय से सम्बन्धित गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना जाता है। इसके देव स्वयं विष्णु माने जाते हैं, इसीलिए यह वैष्णव पुराण है।

गरुड़ पुराण में इस बात की जानकारी दी गई है कि मरने के बाद मनुष्य की क्या गति होती है। इसमें बताया गया है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति किस प्रकार की योनियों में जन्म लेता है? प्रेत योनि से मुक्ति कैसे पाई जा सकती है? श्राद्ध और पितृ कर्म किस तरह करने चाहिए? और नरकों के दारुण दु:ख से कैसे मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है? गरुड़ पुराण में जीवन की कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिससे दुर्भाग्य के संकेत मिलते हैं। इन बातों से भविष्य में हानि होने की संभावनाएं पता चलती हैं।

गरुड़ पुराण में दिए गए हैं दुर्भाग्य के ये संकेत

  • गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति बहुत धनवान है, लेकिन उसकी संतान बुद्धिमान नहीं है तो यह उसके दुर्भाग्य की निशानी है।
  • गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की पत्नी हमेशा बिना किसी कारण के ही घर में कलह करती रहती हो तो समझ लेना चाहिए कि उसकी किस्मत खराब है।
  • गरुण पुराण में कहा गया है कि, घर परिवार में कोई सदस्य अगर हमेशा बीमार रहता है तो यह उसकी बुरी किस्मत का संकेत है।
  • घर में अगर साफ सफाई करने के बाद भी गंदगी बनी रहती है तो गरुण पुराण के अनुसार यह गरीबी के आगमन का संकेत है।
  • गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को घर, परिवार और समाज में अकारण ही बार-बार अपमानित होना पड़ता है तो ये दुर्भाग्य की निशानी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारी टीम

संस्थापक-सम्पादक : विशाल गुप्ता
प्रबन्ध सम्पादक : अनुवन्दना माहेश्वरी
सलाहकार सम्पादक : गजेन्द्र त्रिपाठी
ज्वाइंट एडिटर : आलोक शंखधर
RNI Title Code : UPBIL05206

error: Content is protected !!