ललिता गौरी मंदिर वाराणसी : माँ के दर्शन पूजन से होती हैं सुख-समृद्धि प्राप्ति
Lalita Gauri Mandir @sanatanyatra. : ललिता गौरी मंदिर यह पवित्र प्राचीन मंदिर वाराणसी के ललिता घाट पर स्थित हैं। माँ ललिता देवी को समर्पित यह मंदिर अत्यंत अलौकिक हैं। ललिता देवी महाविदास या दशा विदास देवियों की सबसे माननीय और शक्तिशाली देवी हैं, जो कि महाकामेश्वर् की पत्नि हैं।ललिता देवी पार्वती महा त्रिपुर सुंदरी का ही अवतार है, ऐसी मान्यता है कि अगर माँ ललिता गौरी के मंदिर में जो मनोकामना मांगी जाए वह ज़रूर पूरी होती है। ललिता गौरी मंदिर को ललिता माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता : माँ ललिता देवी को माँ पार्वती का तीसरा स्वरूप माना जाता हैं और जो भक्त माँ ललिता देवी की सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा अर्चना करता है उसे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है, अगर कोई संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करता है तो उसे संतान प्राप्त होती है मान्यता के अनुसार मां ललिता देवी अपने भक्तों के अकाल मृत्यु का भय का नाश करती है।और चैत्र नवरात में ललिता देवी की खास पूजा अर्चना की जाती है और अश्विन मास, कृष्ण पक्ष, दिव्तिया पूर्णिमा के दूसरे दिन ललिता गोरी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
इतिहास: ललिता गौरी मंदिर का निर्माण नेपाल के राजा राणा बहादुर शाह ने सन् 1806 में शुरू करवाया। मगर इसी बीच उनकी हत्या करदी गयी जिस कारण निर्माण कार्य बीच में ही रुक गया जिसे बाद में उनके बेटे गिरबंन युद्धा बिर्कम शाह ने सन् 1843 में मंदिर का निर्माण पुरा कराया, जिसके निर्माण में 30 साल का समय लगा। यह मंदिर हिन्दू मंदिर वास्तुकला के आधार पर निर्माण किया गया है जबकि घाट को पशुपतिनाथ के समान बनाया गया है, मंदिर एक साधारण कमरे के समान है जिसमें ललिता देवी के साथ काशी देवी और भागीरथ देवी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। वर्तमान में विश्वनाथ कॉरिडोर से भी जाने का रास्ता है ।
दर्शन समय :ललिता गौरी मंदिर Ck. 1/67, ललिता घाट पर स्थित है। यह मंदिर ललिता घाट पर स्थित, नेपाली मंदिर के समीप स्थित है। मंदिर प्रातः 5:00 बजे से 9:00 बजे तक व सायं 5:00 बजे से 9:30 तक खुलता है। और आसपास के मंदिर के समयनुसार इसका समय बदलता रहता है।