नमक के बोरे में आयी थीं मां भुवनेश्वरी देवी, नवरात्र में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
देवप्रयाग @SanatanYatra. हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे देवी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भक्त के साथ नमक के बोरे में आई थीं मां। इस मंदिर का नाम है मां भुवनेश्वरी मणिद्वीप धाम सिद्धपीठ (Maa Bhuvaneshwari Devi Temple Sanguda Devprayag)। मंदिर की बेहद मान्यता है और दूर-दूर से श्रद्धालु देवी का आशीर्वाद लेने आते हैं। मां भुवनेश्वरी देवी का यह प्रसिद्ध मंदिर उत्तराखंड में देवप्रयाग से 11 किमी दूर सांगुड़ा तिल्या बिलखेत नामक स्थान पर है।
नवरात्र पर यहां दूर-दूर से भक्त मां भुवनेश्वरी देवी के दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। श्रद्धालु बताते हैं मां भुवनेश्वरी देवी मंदिर में उन्हें असीम आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति होती है। मंदिर एकदम शांत और सुकून देने वाली जगह पर है। यहां का पूरा माहौल भक्तिमय रहता है। कहा जाता है कि इस पूरे क्षेत्र पर मां भुवनेश्वरी की विशेष कृपा है।
लोक मान्यता है कि यहां मां भुवनेश्वरी देवी अपने भक्त के साथ नमक के बोरे में प्रवेश कर आई थीं। लोकश्रुति के अनुसार मां भुवनेश्वरी सैनार गांव के नेगी बंधुओं के साथ नजीबाबाद से आई थीं। जब नेगी बंधु नजीबाबाद से नमक खरीद रहे थे उस वक्त देवी सूक्ष्म रूप से नमक के बोरे में प्रवेश कर गईं। जैसे ही नेगी बंधु कोटद्वार-दुगड्डा होते हुए सांगुड़ा गांव पहुंचे, नमक का बोरा भारी होता गया। कहा जाता है कि ऐसा मां की शक्तियों की वजह से हुआ। स्थिति ये हो गयी कि उन पांचों भाइयों के लिए नमक का बोरा उठाना तो दूर हिलाना भी मुश्किल हो गया। जब नमक के बोरे को खोलकर देखा तो उसमें एक पिंडी मिली। उन भाइयों ने पिंडी को सामान्य पत्थर समझकर फेंक दिया और नमक के बोरे को घर ले आये। लोकश्रुति है कि इसके बाद मां ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिया। तब जाकर वे पिंडी के रहस्य को समझ पाये और उस स्थान पर देवी मां के मंदिर का निर्माण कराया।
नवरात्र में मां भुवनेश्वरी के दर्शन को देशभर से आते हैं श्रद्धालु
नवरात्र में आप मां भुवनेश्वरी मणिद्वीप धाम सिद्धपीठ के दर्शन के लिए जा सकते हैं। नवरात्रि के दौरान यहां देशभर से मां भुवनेश्वरी के भक्त विशेष पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। मां भुवनेश्वरी मणिद्वीप धाम सिद्धपीठ सांगुड़ा तिल्या बिलखेत नामक जगह पर है। यह जगह देवप्रयाग से करीब 11 किलोमीटर दूर है। यहां मां के दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ ही बेहद सुकून भी मिलता है। इस नवरात्रि भी मंदिर में बड़ा आयोजन हो रहा है। मंदिर को विशेष तौर पर सजाया गया है।